किताब कलम बोक्ना हाथेम, बम् बोकैलो एकचोट नै शोषकौ हम्रहन, हरदम् बोकैलो हमार हंस्ना खेल्ना उमेरमे,हम्रहन दास बनाके अपन हातहतियार हमार, झोलम् बोकैलो ” अंकर अन्जान सहयात्री जानकी गाउँपालिका-८ जबलपुर, कैलाली