बर्से छोरल पहिलेक हस पानी अब।।
नाई बिल्गठ रामचन्डरके ढानी अब।।आधुनिक समय हाठे हाठ मोवाईल।
बिट्गीनै पुर्खा साढु महाग्यानी अब।।लर्का यूवा गेममे झुलल रठै जहाँफे।
के सुनाई पुरान कठा कहानी अब।।समय संग नेगे छोरली सब किसान।
बिन बर्खा खेटि कर्ठी मनमानी अब।।हमरे प्रकृटि से बहुट खेलवार कर्ठी।
कबु रूखवा बचैना बैठाई बानी अब।।असिराम डंगौरा
जोशीपुर ५ सिमराना