खैकाहे कोइ महि अजकल सतैती रहथ ।
अपनसे दुर फेन खै काहे हतैती रहथ ।
काहे आँसके किल अजकल बात करथ ,
कररा नाँपराउ कहिके बतैती रहथ ।
हिरालाल सत्गौंवा घो न पा ३
सर्रहिया , कैलाली
किन किन कोइ सताइ रहन्छ ।
फेरि आफु बाट हताइ रहन्छ ।।
किन उ आँसुकै कुरा गर्छ फेरि ,
मार्का नपार्नु भनी बताइ रहन्छ ।।