पराई हुगिल बातो तुआब पराई होक बाचो संघारी । खुशी तोहार जिनगी होगिल अब ना साचो संघारी ।
सचले रहु मन भर मैयाँ संग जिएब कैक हजुर, अाँखिर छोरगैलो कहिके नैहाे ताेहार खाचाे संघारी ।
राजु चौधरी(राज)हसुलिया ६ उत्तर भडरी कैलालि